Tuesday, July 13, 2010
बुनकरों के हित की बात करनेवाले NGO भी कुछ नहीं कर रहे
दस्तकारों व बुनकरों को आर्टिजन और वीवर्स कार्ड उपलब्ध कराने की सरकारी घोषणा की हवा निकल गई है। महाजनों व बिचौलियों के चंगुल से बचाने के लिए सरकार ने सभी दस्तकारों व बुनकर आर्टिजन कार्ड तथा वीवर्स कड्रिट कार्ड उपलब्ध कराने की घोषणा की । सरकार ने अपने इरादे का काफी जोरशोर से प्रचार प्रसार भी कराया। लेकिन पिछले तीन सालों में नतीजा निकला ढाक के तीन पात। अधिकारियों व बैंकों की उदासीनता ने सरकार के संकल्प पर पानी फेर दिया। बुनकरों के हित की बात करनेवाले NGO भी कुछ नहीं कर रहे हैं। बुनकर और दस्तकार आज भी महाजन, बिचौलिए और बड़े व्यापारियों में फंसे हुए हैं। व्यावसायिक बैंक कड्रिट कार्ड देने मेंआनाकानी करते हैं। अधिकारियों या संबंधित विभाग के लोगों ने भी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। आर्टिजन कार्ड की स्थिति भी खराब है। ढाई साल पहले सरकार ने घोषणा कई कि हर दस्तकार को आर्टिजनकार्ड मिलेगा। यही कारण है कि राज्य में पंजीकृत बुनकर कल्याण समिति के सदस्य कहते हैं कि बुनकरों को कड्रिट कार्ड देने के मामले में बैंकों का रवैया ठीक नहीं है।
www.hastshilpisamachar.com
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment