सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनशा पटेल ने आज एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी)/राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्डों के साथ पंजीकृत खादी संस्थानों के लिए शिल्पकारों की सुरक्षा में बढ़ोतरी करने और आवश्यकता के समय अन्य सहायता देने के लिए शिल्पकार कल्याण निधि (एडब्ल्यूएफ) बनाना अपेक्षित है। शिल्पकार कल्याण निधि न्यास के प्रमुख कार्यों में शिल्पकारों को बेटी के विवाह, चिकित्सकीय उपचार आदि जैसे अवसरों पर जब और जैसे अपेक्षित हो वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना शामिल है। एडब्ल्यूएफ को प्रदान की गई राशि सामान्यत राष्ट्रीयकृत बैंकों में फिक्सड डिपॉजिट में रखी जाती है। खादी संस्थानों के लिए शिल्पकारों के भत्ते का 12 प्रतिशत अंशदान एडब्ल्यूएफ में करना अपेक्षित है, जिसके लाभ खादी संस्थानों के वैतनिक कर्मचारियों के अलावा सभी शिल्पकारों को प्रदान किए जाते हैं। प्रत्येक शिल्पकार के संदर्भ में एक अलग खाता, जिसमें उसके द्वारा किया गया योगदान संस्थान द्वारा किए गए अंशदान सहित दर्शाया गया हो, अनुरक्षित किया जाता है। किसी शिल्पकार की मृत्यु होने की स्थिति में एडब्ल्यूएफ में उसके क्रेडिट की समस्त राशि का भुगतान उसके कानूनी उत्तराधिकारी अथवा नामांकितों को कर दिया जाता है। आंध्रप्रदेश सहित देश में एडब्ल्यूएफ द्वारा शिल्पकारों को प्रदान की जाने वाली सहायता/मदद के संदर्भ में जिला-वार सूचना का केन्द्रीय तौर पर अनुरक्षण नहीं किया जाता है।
www.hastshilpisamachar.com
No comments:
Post a Comment