कपड़ा मंत्रालय के अधीन कार्यरत विकास आयुक्त (हस्तिशल्प) का कार्यालय हस्तशिल्प में निपुण लोगों को उनके उत्पादों के विपणन एवं प्रदर्शन के लिए एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से हस्तिशल्प सप्ताह के अंतर्गत 6 से 20 दिसंबर, 2010 तक आईएनए मार्केट के सामने स्थित दिल्ली हॉट में क्राफ्ट कार्निवाल (हस्तशिल्प स्रोत का प्रदर्शन) का आयोजन कर रहा है।इसमें 170 से भी अधिक निपुण हस्तशिल्पी अपने विशिष्ट उत्पादों की बिक्री के लिए उसे जनता के सामने रख रहे हैं ।कल पहली बार खरीददार-विक्रेता बैठक आयोजित की गई थी, ताकि बड़ी मात्रा में खरीददारी करने वाले लोगों और निर्यातकों का हस्तशिल्पियों के साथ सीधा संपर्क कायम हो सके और वे विपणन से जुड़ी समस्याओं को समझते हुए नियमित तौर पर व्यापारिक संबंध कायम कर सकें ।इस बैठक में 50 संभावित खरीददारों/निर्यातकों ने भाग लिया । भारत सरकार की ओर से कपड़ा मंत्रालय में सचिव श्रीमती रीता मेनन और विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) श्री आर. एन. चौबे ने अपने-अपने अधिकारियों के दल के साथ भाग लिया ।भारतीय फैशन डिजाइन परिषद (एफडीसीआई) के अध्यक्ष श्री सुनील सेठी ने विभिन्न हस्तकौशल उत्पादों की मांग और आपूर्ति, चीन जैसे पड़ोसी देशों के साथ प्रतियोगिता और समस्याओं को हल करने के बारे में अपने अनुभव बांटे, ताकि इनके निर्यातकों को मजबूत किया जा सके ।कपड़ा सचिव श्रीमती मैनन ने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी के अधीन आधारभूत सुविधाएं विकसित करने के लिए मंत्रालय के पास योजनाएं हैं । ऐसा माना जाता है कि इसमें भाग लेने वाली एजेंसियों ने विभिन्न उत्पादों की आपूर्ति के लिए 2.50 करोड़ रुपये मूल्य के तत्काल आर्डर दिए ।
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Saturday, December 11, 2010
शिल्पकारों के भत्ते का 12 प्रतिशत अंशदान एडब्ल्यूएफ में करना
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनशा पटेल ने आज एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी)/राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्डों के साथ पंजीकृत खादी संस्थानों के लिए शिल्पकारों की सुरक्षा में बढ़ोतरी करने और आवश्यकता के समय अन्य सहायता देने के लिए शिल्पकार कल्याण निधि (एडब्ल्यूएफ) बनाना अपेक्षित है। शिल्पकार कल्याण निधि न्यास के प्रमुख कार्यों में शिल्पकारों को बेटी के विवाह, चिकित्सकीय उपचार आदि जैसे अवसरों पर जब और जैसे अपेक्षित हो वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना शामिल है। एडब्ल्यूएफ को प्रदान की गई राशि सामान्यत राष्ट्रीयकृत बैंकों में फिक्सड डिपॉजिट में रखी जाती है। खादी संस्थानों के लिए शिल्पकारों के भत्ते का 12 प्रतिशत अंशदान एडब्ल्यूएफ में करना अपेक्षित है, जिसके लाभ खादी संस्थानों के वैतनिक कर्मचारियों के अलावा सभी शिल्पकारों को प्रदान किए जाते हैं। प्रत्येक शिल्पकार के संदर्भ में एक अलग खाता, जिसमें उसके द्वारा किया गया योगदान संस्थान द्वारा किए गए अंशदान सहित दर्शाया गया हो, अनुरक्षित किया जाता है। किसी शिल्पकार की मृत्यु होने की स्थिति में एडब्ल्यूएफ में उसके क्रेडिट की समस्त राशि का भुगतान उसके कानूनी उत्तराधिकारी अथवा नामांकितों को कर दिया जाता है। आंध्रप्रदेश सहित देश में एडब्ल्यूएफ द्वारा शिल्पकारों को प्रदान की जाने वाली सहायता/मदद के संदर्भ में जिला-वार सूचना का केन्द्रीय तौर पर अनुरक्षण नहीं किया जाता है।
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Sunday, December 5, 2010
कारीगर ख़ुशी से फुले ही नहीं समाते
हस्तशिल्प विभाग ने इस बार बहुत ही कम मेलों का आयोजन कर रहे हैं.जिससे कारीगरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है| अगर मेले लगा भी रहे हैं तो यह भी कारीगरों की पहुँच से बहार हैं कई कारीगर तो अपनी कला को छोड़ परिवार का खर्चा चलाने के लिए या तो रिक्शा चला रहें हें या फिर मजदूरी कर घर चलाने को मजबूर हें|
कारीगरों ने बाताया कि मेले नहीं लग पाने के कारण कारीगर आज भूखे मरने कि कगार पर हैं| अगर कारीगर इतना धनी व पैसे वाला होता तो मेलों स्टाल लगाने कि क्या जरुरत होती | रोजी - रोटी का यही एकमात्र साधन है| जिससे अपनी आजीविका चलती हैं| जैसे किसान को बारिश का इंतज़ार रहता है उसी तरह शिल्पियों को जब भी कहीं मेले लगने कि सुचना मिलती है तो कारीगर ख़ुशी से फुले ही नहीं समाते हें हस्तशिल्प विभाग से कारीगरों कि मांग है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या मैं मेले लगाएं ताकि कारीगरों का ज्यादा से ज्यादा माल मेलों मैं बिक सके
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कारीगरों ने बाताया कि मेले नहीं लग पाने के कारण कारीगर आज भूखे मरने कि कगार पर हैं| अगर कारीगर इतना धनी व पैसे वाला होता तो मेलों स्टाल लगाने कि क्या जरुरत होती | रोजी - रोटी का यही एकमात्र साधन है| जिससे अपनी आजीविका चलती हैं| जैसे किसान को बारिश का इंतज़ार रहता है उसी तरह शिल्पियों को जब भी कहीं मेले लगने कि सुचना मिलती है तो कारीगर ख़ुशी से फुले ही नहीं समाते हें हस्तशिल्प विभाग से कारीगरों कि मांग है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या मैं मेले लगाएं ताकि कारीगरों का ज्यादा से ज्यादा माल मेलों मैं बिक सके
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दिल्ली के कारीगरों द्वारा बनाए गए ग्रोमोद्योग के आईटम भी देखने को मिलेंगे
फरीदाबाद। हर साल की तरह इस साल भी राज्य स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी सेक्टर-12 स्थित हुडा के मैदाम में 4 से 19 दिसंबर तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में इस बार खादी के साथ-साथ रेडिमेड गारमेंट्स की धूम रहेगी। भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत खादी ग्रामोद्योग मंडल, कुरुक्षेत्र द्वारा पिछले दस सालों से खादी को बढ़ावा देने के लिए यह प्रदर्शनी लगाई जा रही है। प्रदर्शनी के संचालक देवेंद्र शर्मा ने बताया कि इस बार इस प्रदर्शनी में 100 स्टॉल होंगे। इस बार खादी के साथ फैशन का अनूठा मिश्रण देखने को मिलेगा। प्रदर्शनी में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और दिल्ली के कारीगरों द्वारा बनाए गए ग्रोमोद्योग के आईटम भी देखने को मिलेंगे। खादी ग्रामोद्योग आयोग के पूर्व अध्यक्ष डा. जसवीर सिंह इस प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे।
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